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बुधवार, 31 दिसंबर 2014

Person-of-the Year Selected Modi - पर्सन आफ द यीयर चुने गए नरेन्द्र मोदी

हिन्दी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान के द्वारा साल 2014 के लिए पर्सन आफ द यीयर का चुनाव किया गया जिसमें सर्वसम्मति से पर्सन आफ द यीयर देश नरेन्द्र मोदी को चुना गया।

इसी तरह से छत्तीसगढ़ के लिए पर्सन आफ द यीयर 2014 राज्य के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को चुना गया।

जांजगीर-चांपा जिले के लिए भी पर्सन आफ द यीयर 2014 का चुनाव किया गया और इस हेतु आईएएस ओ पी चौधरी को चुना गया।

सोमवार, 22 सितंबर 2014

crowd funding India में कितना होगा कारगर

आपके मन में कुछ आइडिया हो तो अब फंड की कोई कमी नहीं है, आप बस अपने आइडिया को लोगों के सामने लाए और लोगों को आपका आइडिया पसंद आ गया तो यह आपकी दुनिया बदल देगा। कुछ इसी तरह की बातें होती है क्राउड फंडिंग में। इसके लिए विश्व में कई वेबसाईटें मौजूद है। आज क्राउडफंडिंग के माध्यम से कई नवीन अविष्कार होने के साथ-साथ फिल्में तक बन रही है। यह सब अमेरिका जैसे देशों में ज्यादा हो रही है लेकिन भारत में अभी इस तरह की शुरूआत वृहद स्तर पर नहीं हो पाई है।

भारत में भी कुछ इसी तरह की शुरूआत करने की कोशिश की है मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान ने जिन्होंने क्राऊड फंडिंग के माध्यम से महात्मा गांधी पंच परमेश्वर पुरस्कार समारोह आयोजित करने की सोची है। मैग्जिन के संपादक की स्पष्ट सोच है कि भारत के गांवों के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है और वृहद रूप से गांवों का विकास किए जाने के लिए यह जरूरी है कि हम उन लोगों को रोल माडल के रूप में लोगों के सामने पेश करें जो अब तक अपने गांवों का विकास करते रहे हैं। इसी कड़ी में उनके द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई है। क्राउडफंडिंग के बारे में उनकी राय है कि भारत के लिए यह कोई नया प्रयोग नहीं है और छोटे-छोटे गणेशोत्सव और दुर्गोत्सव जैसे आयोजन भी यहां लोगों के सहयोग से ही आयोजित किए जाते हैं, हां इतना जरूर है कि यहां क्राउड फंडिंग इस रूप में नहीं है। अब तक उन्हें क्राउड फंडिंग वेबसाईट पर आइडिया डाले जाने के बाद भी लोगों के सहयोग नहीं मिलने की बात पर उनका कहना है कि ऐसा नहीं है कि लोगों को उनका आइडिया पसंद नहीं आ रहा है। इंडिगोगो पर आइडिया डालने के बाद कुछ लोगों का उनसे संपर्क हुआ लेकिन उस वेबसाइट पर फंड ट्रांसफर के लिए सिर्फ क्रेडिट कार्ड का ही आब्शन दिया रहता है जबकि जिस शहर से पंचायत की मुस्कान निकलती है उस शहर में गिनती के दस लोगों के पास भी क्रेडिट कार्ड नहीं है यही वजह है कि भारत में इसे लेकर थोड़ी दिक्कत हो रही है, बहरहाल ये तो अभी आगाज है और कार्यक्रम उन्हें हर हाल में करना है। इसलिए इसके अंजाम का पता बाद में ही चल पाएगा।

https://www.indiegogo.com/projects/mahatma-gandhi-punch-parmeshwar-awards-ceremony/x/8553529